हम साफ पानी के लिए Reverse Osmosis(RO) यानि की RO वॉटर फिल्टर का इस्तेमाल करते है और हम सभी जानते है की RO पानी की अशुद्धियों को दूर करता है। लेकिन कम ही लोग होंगे जो जानते होंगे की RO लाभकारी खनिजों को भी हटा देता है। वास्तव में RO हमारे शरीर में फायदेमंद कैल्शियम और मैग्नीशियम का 92-99% हिस्सा निकाल देता है। आज हम इसी तरह के ro water के side effects के बारे में बात करेंगे।
सामान्य तोर पर RO के पानी में काफी सारे ठोंस पदार्थो की मात्रा होती है उसे TDS से मापा जाता है। यह पदार्थ कुछ हमारे सरीर के लिए नुकशान कारक होते है तो कोई फायदेमंद भी होते है। TDS(Total dissolved solids) यानि की पानी में घुले हुए ठोंस पदार्थ की मात्रा कितनी है। 900 से ज्यादा TDS वाला पानी होता है तो उसको साफ करने के लिए RO लगाना पड़ता है। हमारे घरो में 190 से 350 TDS वाला पानी सही होता है लेकिन पानी ज्यादा मीठा हो इस लिए हम TDS 100 या उसके आसपास कर देते है। बाजार में बिकने वाले ज्यादातर पानी में 100 से कम का TDS होता है। हालांकि TDS अलग अलग पर अलग रहता है जो उस जगह के पानी पर आधार रखता है।
Reverse Osmosis का पानी पिने से कोन से रोग हो सकते है ?
पानी में घुले हुए अच्छे पदार्थ जैसे की कैल्शियम, मैग्नीशियम, फ्लोराइड और सोडियम होते है। जो हमारे शरीर में बोहोत फायदेमंद होते है लेकिन RO में और बाजार में बिकने वाले पानी में इन खनिज तत्व ना के बराबर होता है। इसके कारन हमारे शरीर में खनिज तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके करना वो पानी हमारे शरीर में कई बीमारियों को आमंत्रित करता है।
अगर ro water के side effects की बात करे तो पानी में कम केल्सियम होने से शरीर की हड्डिया कमजोर हो जाती है और मांसपेशीओ में ऐंठन होती है केल्सियम और मैग्निसियम की कमी के कारन हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। और साथ साथ कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। मैग्निसियम की कमी से Pregnancy Disorders भी होता है। इसके अलावा शरीर को दुर्बल करने वाले लक्षण लक्षण जैसे की सरदर्द, थकान, दुर्बलता इत्यादि रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
WHO(World Health Organization) ने 2004 में पिने के पानी में कितने मिनरल्स होने चाहिए उसका मापदंड बताया था। जिसमे पानी में केल्सियम की मात्रा 20ml/Ltr होनी चाहिए, मैग्निसियम की मात्रा 10ml/Ltr होनी चाहिए और Total Hardness of Water 2-4 मिलीमोल/लीटर होनी चाहिए। इसके अलावा RO का पानी Acidic(अम्लीय) होता है क्यों की RO के पानी का PH 5-6 के बिच में होता है। पिने के पानी का PH लेवल 7 होना चाहिए।
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पानी को Re-Mineralize करने के उपाय क्या है ?
जाहिर सी बात है की यह सभी बातो को सुन कर कोई अपने घर मेसे RO का इस्तेमाल करना बंध नहीं करेगा लेकिन कुछ कदम है जिससे आप स्वस्थ पानी पी सकते है। पहला उपाय यह है की आप अपने घर के पानी का TDS और PH लेवल WHO(World Health Organization) के मापदंड के आधार पर रख दे जिससे शरीर को मिलने वाले कुछ तत्त्व आपको घर के पानी से मिल जाये। आप पानी में मिनरल युक्त नमक(उदाहरण के तोर पर Himalayan sea-salt ) को दाल कर पानी को वापस मिनरल युक्त कर सकते है।
दुशरा उपाय यह है की RO के पानी को आपके घर में किसी मिट्टि के बर्तन में 10/12 घंटे रख दे उसके बाद पानी पिये। ऐसा इस लिए क्यों की मिट्टी में ऐसा गुणधर्म होता है की वो पानी को उसके मिनरल्स वापस दे सके। और अगर किसी क्षेत्र में पानी के मिनरल्स के मापदंड WHO के मापदंड जितना हो तो आप RO का इस्तेमाल ना करे।
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