यादव/अहीर समाज भारत की भारत में काफी बड़ी जनसँख्या है। राष्ट्र रक्षा के लिए हमेशा आगे आने वाले यादवो के पास भारतीय सेना में कोई रेजिमेंट नहीं है। यादव समाज हमेशा सरकार के साथ ‘Ahir regiment’ की मांग के बारे में बयान देता आ रहा है। उसी मांग के लिए आज ट्विटर पर “#अहीर_रेजिमेंट_हक़_है_हमारा” ट्रेंड हुवा है।
यादव का सेना के साथ बड़ा इतिहास रहा है – Yadav’s history in indian army
रेज़ांगला की लड़ाई यादवो के लिए बड़ी मिसाल बनी हुयी है। यह युद्ध भारत-चीन के बिच 1962 में लद्दाख सेक्टर में हुवा था। युद्ध में यह जगह “भारत के लिए एकमात्र उज्ज्वल स्थान” माना जाता है। कुमाऊँ रेजिमेंट की अहीर कंपनी को चोसुल एयरफ़ील्ड नजर रखते हुए एक खाई का बचाव करने का हुक्म मिला था। 18 नवंबर 1962 को हरियाणा के रेवाड़ी क्षेत्र से भर्ती हुए 120 अहीर जवानों की यह कंपनी और मेजर शैतान सिंह नामक एक अधिकारी पर चीनी सैनिकों की एक बड़ी टुकड़ी जिसमें लगभग 5,000 के सामने लडे थे।
लड़ाई में 114 अहीर सैनिकों ने अपनी जान दे दी, पांचों को चीनी सेना ने पकड़ लिया और एक को दुनिया को कहानी बताने के लिए वापस भेज दिया गया था। रेजांगला की लड़ाई से प्रेरणा लेके बॉलीवुड फिल्म हकीत (1964) बनी और कवि प्रदीप द्वारा लिखित राष्ट्रवादी गीत “ऐ मेरे वतन के लोगो” के लिए प्रेरित किया। हाल ही में पुलवामा हमले में, जिसमें कम से कम 40 सैनिक मारे गए थे, यादव समाज के काफी सैनिक थे।
अहीर रेजिमेंट्स के लिए तर्क इस तथ्य से उपजा है कि आजादी के बाद केंद्र सरकार ने जाति- और समुदाय आधारित सेना रेजिमेंट्स के साथ जारी रखने का फैसला किया। हालांकि कोई नई रेजिमेंट का गठन नहीं किया गया था जाती आधारित रेजिमेंट बनाने का तर्क यह है कि वे एकता को बढ़ाता हैं।
Zee News का अहीर रेजिमेंट पर विश्लेषण देखें – Zee news on Ahir regiment
अहीर रेजिमेंट क्या है – What is Ahir regiment
प्रत्येक रेजिमेंट भारती, तालीम और वहीवट के लिए जिम्मेदार होती है। प्रत्येक रेजिमेंट को एक स्थायी आधार पर बनाए जाता है और इसलिए रेजिमेंट अपने अद्वितीय इतिहास, परंपराओं, भर्ती और कार्य के कारण अपने विशिष्ट का पालन और विकास करता है। सामान्य तौर पर रेजिमेंट सैनिक के सभी सैन्य लस्करी भर्ती और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। देश के आधार पर रेजिमेंट हो सकती है जो लड़ाकू एकम या प्रबंधन एकम या दोनों हो सकते हैं।
कुछ रेजिमेंटों को भौगोलिक क्षेत्रों से भर्ती किया गया था और आमतौर पर जगह के नाम से रेजिमेंटल नाम होता है। अन्य मामलों में रेजिमेंट देश में एक दिए गए आयु वर्ग (जैसे कि ज़ुलु ऐम्पिस), एक जातीय समूह (जैसे गोरखा), या विदेशियों (जैसे फ्रांसी विदेशी राष्ट्र) है। अन्य मामलों में, सेना में नए कार्यों के लिए नई रेजिमेंट बनाई जाती हैं जैसे Sikh Light Infantry, Maratha Light Infantry, The Grenadiers इत्यादि।
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